Desh bhakti shayari
देश भक्ति शायरी Bhagat Singh Desh Bhakti Shayari चूमा था वीरों ने फांसी का फंदा यूँ ही नहीं मिली थी आजादी खैरात में 1: चैन ओ अमन का देश है मेरा, इस देश में दंगा रहने दो लाल हरे में मत बांटो, इसे शान ए तिरंगा रहने दो 2: दिलों की नफरत को निकालो वतन के इन दुश्मनों को मारो ये देश है खतरे में ए -मेरे -हमवतन भारत माँ के सम्मान को बचा लो 3: मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा ये मुल्क मेरी जान है इसकी रक्षा के लिए मेरा दिल और जां कुर्बान है 1: शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा 2: अनेकता में एकता ही इस देश की शान है, इसीलिए मेरा भारत महान है 3: हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम भारतीय हैं – जय भारत, वन्दे मातरम 4: मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ। 5: जो देश के लिए शहीद हुए उनको मेरा सलाम है अपने खूं से जिस जमीं को सींचा उन बहादुरों को सलाम है.. 6:
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