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सकारात्मक सोच (नेटवर्क मार्केटिंग)

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*हिरण की रफ्तार लगभ 90km  प्रति घंटा और शेर की 55km  प्रति घंटा होती हैं बावजूद इसके अक्सर शेर हिरण का शिकार कर लेता है*  *आखिर क्यों ??????*  *क्योंकि ........*  *हिरण को यकीन होता हैं कि वो शेर से कमजोर है*  *और यही खोंफ उसे बार बार पिछे मूड कर देखने पर मजबुर कर देता हैं*  *और इस दौरान हिरण का हौसला और रफ्तार दोनों कम हो जाते है जिस कारण शेर हिरण का शिकार कर ही लेता है*  *खुद को कमजोर कभी न समझे आज नेटवर्क मार्केटिंग में भी यही तो हो रहा है*  *आपकी इच्छाशक्ति से बड़ी कोई ताकत नही है इरादे मजबूत हो तो बुरे से बुरा वक्त भी अपना रास्ता बदल देगा....*  *So Be Positive* 🙏🏿

आओ मिलकर भारत का चरित्र निर्माण करे

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आपके परिवार की आने वाली पीढ़ी  बारे में सोचिए  क्या आप अपने बच्चो के भविष्य को संवारने के लिए मेरे इस अभियान में साथ देंगे व्यक्ति से परिवार बनता है परिवार से समाज सल, समाज से देश और इसी देश का चरित्र निर्माण व्यक्ति के चरित्र निर्माण से होगा  और किसी भी व्यक्ति के चरित्र निर्माण में उसके समाज और परिवार का बहुत बड़ा योगदान होता है। और मेरा सपना है कि भारत के हर घर से  मर्यादा पुरुषोत्तम राम जैसा पुत्र और सीता जैसी पूत्री जन्म ले लछमन जैसा भाई और हनुमान जैसा भक्त हो जो अपनी स्वामी के लिए कुछ भी कर सके सरवन कुमार जैसा बेटा हो। और ये सब मुमकिन है शिक्षा माध्यम से हमें अपने देश को अगर विश्व गुरु बनना है तो भारत की आने वाली पीढ़ी को रामचरित मानस जरूर स्कूल में बचपन से पड़ाया जाना चाहिए । और साथ ही एक पीढ़ी को हमें इस वर्तमान समाज से दूर रखना पड़ेगा क्योंकि वर्तमान समाज में चरित्र को बिगाड़ने वाले तत्त्व  लगभग =90%है जिसमें आप अपने बेटे या बेटी  के चरित्र का सही निर्माण नहीं कर सकते।जब हमारी कोई बेटी या बेटा किसी गलत इंसान के संगत में आकर अपना चरित्र बिगाड़ लेते है क्योंकि उनकी

सोच का जादू

कोरोना सबको होगा यह ना सोचें- अमेरीका में एक कैदी को जब फांसी की सजा सुनाई, तब वहा के कुछ वैज्ञानिको ने विचार किया की इस कैदी पर कुछ प्रयोग किये जाये.. तब उस कैदी को बोला गया कि उसे विषधर कोबरा से डसवा कर मारेंगे... उसके सामने एक बड़ा विषधर सांप लाया गया तथा कैदी की आँखो पर पट्टी बांध कर कुर्सी पर बाँध दिया गया उसे साँप से ना डसवा कर सेफ्टी पिन चुभाई गई। आश्चर्य कि कैदी की दो सेकंड में मौत हो गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कैदी के शरीर में "व्हेनम सदु्श्यम" विष मिला । ये विष कहाँ से आया जिससे कैदी की मृत्यु हुई? ये विष कैदी के शरीर में मानसिक धक्के की वजह से उस ने ही उत्पन्न किया था। तात्पर्य ये है कि हमारी अपनी मानसिक स्थिति के अनुसार Positive अथवा Negative एनर्जी उत्पन्न होती है, तद्नुसार ही हमारे शरीर में HORMONES पैदा होते है। 90% बीमारी का मूल कारण नकारात्मक विचार उर्जा का उत्पन्न होना है। आज मनुष्य गलत विचारों का भस्मासुर बना कर खुद का विनाश कर रहा है। मेरे मतानुसार कोरोना को मन से ना लगाओ, 5 वर्ष से लेकर 100 वर्ष तक के लोग भी ठीक हो गये है। आकड़ो पर ना जाये,